परिणाम "munaqib e auliya abdul hameed ansari ebooks"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
उर्दू की तर्वीज-ओ-इशा’अत और फ़रोग़-ओ-इर्तिक़ा में सूफ़िया-ए-किराम ने जो ख़िदमात पेश कीं वो किसी साहिब-ए-नज़र से
हिन्दुस्तान में इब्तिदा ही से इ’ल्म-ओ-अदब,शे’र-ओ-हिक्मत, तसव्वुफ़-ओ-मा’रिफ़त,अदाकारी-ओ-मुजस्समा-साज़ी और मौसीक़ी-ओ-नग़्मा-संजी का रिवाज है।अ’ह्द-ए-क़दीम से लेकर दौर-ए-हाज़िर तक
इस्म-ए-गिरामी ज़ियाउद्दीन और तख़ल्लुस नख़्शबी था। बदायूँ के रहने वाले थे। ज़िंदगी गोशा-ए-तन्हाई में गुज़ारी लेकिन अपनी इस्ति’दाद की वजह से बड़ी शोहरत हासिल की।‘अख़्बारुल-अख़्यार’ और ‘ख़ज़ीनतुल-अस्फ़िया’ में है कि मौलाना ज़ियाउद्दीन नख़्शबी की इरादत सुल्तानुत्तारिकीन शैख़ हमीदुद्दीन नागौरी के पोते हज़रत शैख़ फ़रीद से थी।‘अख़्बारुल-अख़्यार’ में है ”चुनीं शुनीदः शुदः अस्त कि वय मुरीद-ए-शैख़ फ़रीद अस्त कि नबीरः-ओ-ख़लीफ़:-ए-सुल्तानुत्तारिकीन शैख़ हमीदुद्दीन नागौरी अस्त वल्लाहु आ’लम” ।
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books